8th Pay Commission News: केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, अब तक इसका आधिकारिक गठन नहीं हुआ है, लेकिन अलग-अलग ब्रोकरेज फर्मों और एक्सपर्ट्स के अनुमान से उम्मीदें और बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि इस बार कर्मचारियों की सैलरी में 13% से लेकर 54% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान
ब्रोकरेज हाउस Ambit Capital की 9 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। इस हिसाब से सैलरी में 14% से लेकर 54% तक का इजाफा संभव है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 54% की बढ़ोतरी की संभावना बहुत कम है, और ज्यादा संभावना है कि वृद्धि 14% से 34% के बीच हो।
संभावित वृद्धि का अनुमान इस तरह है—
- 1.82 फैक्टर: 14% बढ़ोतरी
- 2.15 फैक्टर: 34% बढ़ोतरी
- 2.46 फैक्टर: 54% बढ़ोतरी
दूसरी तरफ, Kotak Institutional Equities की 21 जुलाई की रिपोर्ट ने अधिक संयमित अनुमान दिया है। इनके मुताबिक, 1.8 का फिटमेंट फैक्टर होने पर केवल 13% की सैलरी वृद्धि होगी।
फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) का असर
फिटमेंट फैक्टर बेसिक पे पर लागू होता है, लेकिन नया वेतन आयोग लागू होते ही महंगाई भत्ता (DA) शून्य पर रीसेट हो जाता है। इसका मतलब यह है कि वास्तविक वेतन वृद्धि फिटमेंट फैक्टर से कम होती है।
उदाहरण के तौर पर, 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फैक्टर लागू किया गया था। न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दी गई थी। लेकिन DA रीसेट होने के कारण वास्तविक वेतन वृद्धि सिर्फ 14.3% रही थी।
इस बार क्यों हो सकती है ज्यादा बढ़ोतरी?
फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों का DA बेसिक पे का 55% है, जो 7वें वेतन आयोग से पहले के 125% स्तर से काफी कम है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार भले ही फिटमेंट फैक्टर थोड़ा कम हो, लेकिन DA का लेवल कम होने के कारण वास्तविक वृद्धि पहले की तुलना में ज्यादा हो सकती है।
संभावित वेतन वृद्धि का उदाहरण
अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा मासिक वेतन ₹50,000 है, तो 8वें वेतन आयोग के बाद यह इस प्रकार बढ़ सकता है—
- 1.82 फैक्टर (14% वृद्धि): ₹57,000
- 2.15 फैक्टर (34% वृद्धि): ₹67,000
- 2.46 फैक्टर (54% वृद्धि): ₹77,000
सरकारी बजट पर असर
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के वेतन और पेंशन बिल में बड़ा इजाफा होगा। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में यह वृद्धि ₹1.5–2 लाख करोड़ तक हो सकती है। इसका सीधा असर फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटा) पर पड़ेगा और संभव है कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेक्स अलोकेशन में कटौती करनी पड़े।
स्टॉक मार्केट को भी होगा फायदा
ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि वेतन वृद्धि से कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, जिससे कंज्यूमर डिमांड में तेजी आएगी। खासतौर पर FMCG, ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रिटेल सेक्टर को इसका सीधा लाभ मिलेगा। ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी खपत बढ़ने की संभावना है, जिससे संबंधित कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा सकती है।
प्रक्रिया में कितना समय लगेगा?
Ambit Capital का मानना है कि सरकार 1.83 से 2.46 के बीच का फैक्टर चुन सकती है। लेकिन यह तभी तय होगा जब 8वें वेतन आयोग का गठन होगा, उसका Terms of Reference तय होगा और सभी हितधारकों से चर्चा पूरी होगी। यह पूरी प्रक्रिया शुरू होने के बाद कई महीने तक खिंच सकती है।
निष्कर्ष
हालांकि 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन ब्रोकरेज फर्मों और एक्सपर्ट्स के अनुमान से यह साफ है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इस बार अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकती है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों के जीवनस्तर में सुधार होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा आएगी। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सरकार कब आधिकारिक रूप से आयोग का गठन करती है और किस फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है।