CBSE New Rules 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए छुट्टी (Leave) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब छुट्टी लेना पहले जैसा आसान नहीं होगा। जो भी छात्र छुट्टी लेना चाहेंगे, उन्हें अपनी अनुपस्थिति का कारण बताने के साथ-साथ संबंधित दस्तावेज भी जमा करने होंगे। अगर छात्र नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी उपस्थिति (Attendance) प्रभावित होगी और वे बोर्ड परीक्षा में बैठने से वंचित हो सकते हैं।
नया नियम क्यों लाया गया?
CBSE ने यह कदम छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और बोर्ड परीक्षा की तैयारी को बेहतर बनाने के लिए उठाया है। कई बार देखा गया है कि छात्र बिना बताए कई दिनों तक अनुपस्थित रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई और परीक्षाओं पर असर पड़ता है।
नए नियमों के तहत:
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स्कूल को दैनिक उपस्थिति का रिकॉर्ड रखना होगा।
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CBSE के अधिकारी कभी भी स्कूल का निरीक्षण कर सकते हैं।
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बिना अनुमति या दस्तावेज के ली गई छुट्टी को अनुमोदित (Approved) नहीं किया जाएगा।
75% अटेंडेंस अनिवार्य
CBSE की नई पॉलिसी के अनुसार:
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बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्र की कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य है।
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छुट्टी के मामले में छात्र अधिकतम 25% दिनों की अनुपस्थिति ले सकता है, लेकिन उसके लिए हर छुट्टी का कारण और प्रमाण देना होगा।
छुट्टी लेने की प्रक्रिया अब होगी सख्त
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छात्रों को लिखित आवेदन देना होगा
छुट्टी लेने से पहले छात्र को एक लिखित आवेदन स्कूल में जमा करना होगा, जिसमें अनुपस्थिति का कारण साफ-साफ लिखा हो। -
दस्तावेज जमा करना अनिवार्य
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बीमारी की स्थिति में: डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट
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परिवार में मृत्यु: डेथ सर्टिफिकेट
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अन्य कारण: संबंधित प्रूफ (जैसे परीक्षा कॉल लेटर, यात्रा टिकट आदि)
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बिना दस्तावेज छुट्टी मंजूर नहीं
यदि छात्र दस्तावेज नहीं देता, तो उसकी छुट्टी रद्द मानी जाएगी और उसे अनधिकृत अनुपस्थिति (Unauthorized Leave) माना जाएगा।
बिना बताए छुट्टी पर अब कड़ी कार्रवाई
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जो छात्र बिना जानकारी दिए स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे, उन्हें डमी स्टूडेंट की श्रेणी में रखा जाएगा।
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ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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स्कूल को हर छात्र की छुट्टी और अटेंडेंस का पूरा हिसाब रखना अनिवार्य होगा।
स्कूलों के लिए भी निर्देश
CBSE ने अपने नोटिस में सभी संबद्ध स्कूलों को सख्त निर्देश दिए हैं:
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अटेंडेंस रजिस्टर को दैनिक रूप से अपडेट करें।
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छुट्टी लेने वाले छात्रों से लिखित आवेदन और दस्तावेज जरूर लें।
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CBSE निरीक्षण के लिए रिकॉर्ड तैयार रखें।
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नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों के नाम और विवरण CBSE को भेजें।
छात्रों के लिए क्या बदलाव महसूस होंगे?
पहले कई छात्र छोटी-मोटी वजह से बिना बताए छुट्टी ले लेते थे, लेकिन अब:
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हर छुट्टी का कारण और प्रमाण देना होगा।
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बीमारी में मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
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किसी मृत्यु के मामले में डेथ सर्टिफिकेट देना होगा।
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छुट्टी के लिए आवेदन देना अनिवार्य होगा।
नियम तोड़ने के परिणाम
अगर कोई छात्र नियमों का पालन नहीं करता है, तो:
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उसकी उपस्थिति 75% से कम हो सकती है।
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उसे बोर्ड परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।
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भविष्य में स्कूल की रिपोर्ट में यह दर्ज हो सकता है, जिससे करियर पर असर पड़ सकता है।
क्यों जरूरी है 75% उपस्थिति का नियम?
CBSE का मानना है कि नियमित उपस्थिति:
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पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखती है।
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परीक्षा की तैयारी को मजबूत करती है।
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शिक्षक और छात्र के बीच बेहतर संवाद सुनिश्चित करती है।
इसलिए, नए नियम छात्रों को अनुशासन और नियमितता की आदत डालने में मदद करेंगे।
निष्कर्ष
CBSE का यह नया नियम छात्रों की पढ़ाई और अनुशासन को मजबूत करने के लिए लाया गया है। अब छुट्टी लेना एक औपचारिक प्रक्रिया होगी, जिसमें लिखित आवेदन और प्रमाण पत्र अनिवार्य होंगे। जो छात्र नियमों का पालन करेंगे, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन लापरवाही करने वालों के लिए यह बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।
अगर आप CBSE बोर्ड के छात्र हैं, तो ध्यान रखें:
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बिना कारण छुट्टी न लें।
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छुट्टी लेने से पहले हमेशा आवेदन और दस्तावेज जमा करें।
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अपनी उपस्थिति 75% से कम न होने दें।
नियमों का पालन करके न केवल आप परीक्षा में आराम से बैठ पाएंगे, बल्कि पढ़ाई में भी पीछे नहीं रहेंगे।