RBI Bank License Cancelled: अगर आपका खाता किसी को-ऑपरेटिव बैंक या स्मॉल बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक और बैंक का लाइसेंस रद्द (Bank License Cancelled) कर दिया है। ऐसे मामलों में लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि उनके जमा किए गए पैसों का क्या होगा। आइए, इस पूरी खबर को आसान भाषा में समझते हैं।
क्यों रद्द हुआ बैंक का लाइसेंस?
RBI किसी भी बैंक का लाइसेंस तब रद्द करता है जब:
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बैंक की वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो जाती है।
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वह अपने ग्राहकों को जमा पैसा लौटाने में नाकाम रहता है।
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बैंक RBI के नियम और गाइडलाइन का पालन नहीं करता।
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बैंक के पास पर्याप्त पूंजी (Capital Adequacy) नहीं होती।
इस बार भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। RBI ने पाया कि संबंधित बैंक आगे सुरक्षित तरीके से कामकाज जारी नहीं रख सकता और जमाकर्ताओं के हित खतरे में हैं। ऐसे में बैंक का लाइसेंस रद्द करना ही सही कदम माना गया।
लाइसेंस रद्द होने का मतलब क्या है?
जब RBI किसी बैंक का लाइसेंस रद्द करता है, तो:
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बैंक अब डिपॉजिट नहीं ले सकता (नए खाते नहीं खुलेंगे)।
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वह किसी को लोन भी नहीं दे सकता।
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बैंक का संपूर्ण कामकाज बंद हो जाता है।
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ग्राहकों का पैसा निकालने की प्रक्रिया RBI के निर्देशानुसार होती है।
यानि जिस दिन से लाइसेंस रद्द होता है, उस दिन के बाद बैंक किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन नहीं कर सकता।
क्या ग्राहकों के पैसे डूब जाएंगे?
सबसे बड़ी चिंता यह रहती है कि जिन लोगों के पैसे बैंक में जमा हैं, उनका क्या होगा। यहां अच्छी खबर यह है कि अगर बैंक DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की स्कीम के तहत रजिस्टर्ड है, तो ग्राहकों को ₹5 लाख तक का बीमा कवर मिलता है।
इसका मतलब:
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अगर आपके खाते में ₹5 लाख या उससे कम जमा हैं, तो आपको पूरी रकम मिल जाएगी।
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अगर ₹5 लाख से ज्यादा हैं, तो ₹5 लाख तक की राशि DICGC से और बाकी रकम बैंक की संपत्तियों की नीलामी से मिलने की संभावना रहती है।
हालांकि, पैसे वापस पाने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है, क्योंकि इसमें क्लेम प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अगर आपका खाता उस बैंक में है, तो ये कदम उठाएं:
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बैंक या RBI की ऑफिशियल नोटिफिकेशन चेक करें
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका नाम खाताधारकों की सूची में है। इसके लिए बैंक की वेबसाइट या RBI की प्रेस रिलीज देखें। -
DICGC क्लेम के लिए आवेदन करें
बैंक की ब्रांच में जाकर DICGC क्लेम फॉर्म भरें। -
जरूरी दस्तावेज तैयार रखें
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पासबुक
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आधार कार्ड
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पैन कार्ड
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पहचान प्रमाण (ID Proof)
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बैंक की सूचना पर नजर रखें
बैंक की ओर से SMS, ईमेल या फोन कॉल के जरिए आपको आगे की प्रक्रिया बताई जाएगी। -
धैर्य रखें
पूरी प्रक्रिया में समय लग सकता है, इसलिए घबराएं नहीं।
भविष्य में ऐसे जोखिम से कैसे बचें?
इस घटना से एक बड़ी सीख मिलती है – खाता खोलने से पहले बैंक की विश्वसनीयता जरूर जांच लें।
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हमेशा देखें कि बैंक RBI से रजिस्टर्ड है या नहीं।
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बैंक की वित्तीय स्थिति और रेटिंग की जानकारी लें।
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सरकारी बैंक या बड़े प्राइवेट बैंक को प्राथमिकता दें।
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छोटी को-ऑपरेटिव बैंकों में खाता खोलते समय सावधानी बरतें।
DICGC स्कीम क्या है?
DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) एक सरकारी संस्था है, जो जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा करती है।
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यह आपके सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, करंट अकाउंट और रिकरिंग डिपॉजिट पर लागू होती है।
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अधिकतम ₹5 लाख तक की जमा राशि (Principal + Interest) बीमित होती है।
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स्कीम के तहत बैंक बंद होने या लाइसेंस रद्द होने पर DICGC ग्राहकों को भुगतान करता है।
निष्कर्ष
RBI ने एक बार फिर बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक कमजोर बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम जमाकर्ताओं के हित में है, ताकि उनका पैसा सुरक्षित रह सके।
अगर आपका खाता उस बैंक में है, तो घबराएं नहीं – DICGC के तहत ₹5 लाख तक की रकम आपको मिल जाएगी। बस जरूरी दस्तावेज तैयार रखें, समय पर क्लेम करें और बैंक की आधिकारिक सूचना पर नजर बनाए रखें।
भविष्य में, बैंक चुनते समय उसकी साख, वित्तीय मजबूती और RBI रजिस्टर्ड होने की स्थिति जरूर जांचें। सुरक्षित बैंकिंग ही स्मार्ट बैंकिंग है।